Monday, September 27, 2010

जीवन पूर्णतः व्यतीत करने का मंत्र




ज़िन्दगी जीता है बस वही भरपूर
जो समय नदी में
वर्तमान के लोटे से
है नहाता निश्चिंत।

भविष्य की बाल्टी
तो होती है कितनी भारी
और भूत के बर्तन का पानी
तो हो चला कितना बासी

बस रखो अपने साथ
ये वर्तमान का लोटा

घबराने की बात नहीं
इस लोटे में है खुर्ची
तुम्हारी अतीत की यादें
रहेंगी साथ जो सदा इस लोटे के साथ-
बस चमकाते रहना
बीच-बीच में
इसे
अपने सुंदर सपनों से

बस और कुछ नहीं
कुछ भी नहीं।

चलो
लगाओ अब
बस एक लोटा एक बार में

हर हर महादेव




1 comment:

  1. @ इस लोटे में है खुर्ची
    तुम्हारी अतीत की यादें
    रहेंगी साथ जो सदा इस लोटे के साथ-
    बस चमकाते रहना
    बीच-बीच में
    इसे
    अपने सुंदर सपनों से

    बस और कुछ नहीं
    कुछ भी नहीं।

    चलो
    लगाओ अब
    बस एक लोटा एक बार में

    हर हर महादेव

    निहाल कर दिए भैया! सचमुच।

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